आज शाम प्लस
भारतीय जनता पार्टी द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा राजघाट यात्रा और जंतर-मंतर पर धरना दिए जाने को "कांग्रेस आलाकमान के आकाओं को खुश करने के लिए किया जा रहा राजनीतिक ड्रामा" करार दिया । पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ द्वारा पंजाब विधानसभा द्वारा पारित तीन विधेयकों पर भ्रामक प्रचार करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को फटकार लगाई गई । उन्होंने कहा कि तीनों राज्य संशोधित बिलों को किसान संगठनों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने असंवैधानिक व आँखें बंद कर पास किये बिल बता कर खारिज कर दिया है, तब कैप्टन सोनिया गांधी और राहुल गाँधी को खुश करने के लिए राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट बनाने की कोशिश में लगे हुए थे ।
उन्होंने कहाकि पंजाब में शराब माफिया और रेत माफिया के दबाव में चल रही कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राजघाट यात्रा एक अनैतिक कार्य है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसे पवित्र स्थानों पर जाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
कैप्टन के केंद्र द्वारा पंजाब से सौतेला व्यवहार किए जाने के ब्यान पर, भाजपा के दोनों नेताओं ने कैप्टन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित विकास योजनाएं पंजाब में घोटालों में बदल गई हैं और विकास योजनाओं के लिए लगाए गए सभी फंड भ्रष्ट कांग्रेसियों द्वारा खा लिए गए हैं । कैप्टन अपनी व कांग्रेस सरकार की असफलताओं को छुपाने तथा पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए कैप्टन केंद्र के सर दोष मढ़ कर ऐसा राजनीतिक ड्रामा खेल रहे हैं । उन्होंने कहाकि कैप्टन को मुख्यमंत्री के पद की गरिमा बनाये रखने के लिए राज्य को ठीक से चलाने के लिए अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करना सीखना चाहिए"।
भाजपा नेताओं ने पंजाब में कोयला संकट के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में कानून और व्यवस्था बहाल करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने में विफल रहे हैं जिसके कारण थर्मल प्लांटों में बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है। मालगाड़ियाँ पंजाब में न आने का कारण 29 रेलवे प्लेटफार्मों और तीन अन्य स्थानों पर रेलवे ट्रैक किसानों द्वारा अवरुद्ध किया जाना है। उन्होंने कहाकि कैप्टन को मुख्यमंत्री पद की गरिमा बनाये रखते हुए किसानों को अपना विरोध वापस लेने व रेलवे ट्रैक को खुलवा कर उनका विरोध प्रदर्शन बदलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। भाजपा नेताओं ने कहा, इसके बजाय, मुख्यमंत्री गुपचुप तरीके से किसानों को रेलवे ट्रैक को बंद रखने के लिए कह रहे हैं, ताकि वे किसानों के नाम पर अपने राजनीतिक खेल खेल सकें।