आज शाम प्लस
यूपी कांग्रेस में नए चेहरे आए नहीं और पुराने चेहरे जा रहे हैं। मिशन-2022 धुंधला होता दिख रहा है। कांग्रेस का संकट काफी ज्यादा है। 2022 के मद्देनजर संगठन के कील-कांटे दुरुस्त करने के साथ पार्टी से जाने वालों को रोक पाने की दोहरी चुनौती सामने है। चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, ऐसे में अपने बड़े चेहरों को बचाने के लिए कांग्रेस को पुरजोर कवायद करनी होगी।
पिछले विधानसभा चुनाव से अब तक कई चेहरे कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं। इनमें ताजा नाम जितिन प्रसाद का है और ये आखिरी नाम नहीं है। पार्टी के अंदरखाने में चल रही हलचल बता रही है कि चुनाव के पहले कई चेहरे पाला बदल सकते हैं। जितिन जी-23 का हिस्सा थे और शीर्ष नेतृत्व को चिट्ठी लिखने के बाद से साइडलाइन किए गए थे। राजबब्बर और आरपीएन सिंह भी जी-23 का हिस्सा रहे और इन तीनों ही नेताओं को पिछले वर्ष बनी कमेटियों में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। संकेत साफ है कि नेतृत्व इन्हें हाशिए पर डालेगा तो यह भी पार्टी छोड़ने में नहीं हिचकिचाएंगे।