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एक सरकारी अध्ययन के मुताबिक- भारत में कोरोना की दूसरी लहर के अधिक तेजी से फैलने में डेल्टा वेरिएंट का योगदान है।शोध में ये बात भी सामने आई कि यह यूके में पहली बार पाए गए अल्फा वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है और 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। हालांकि वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि मौतों या मामलों की अधिक गंभारता में डेल्टा वेरिएंट की भूमिका का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक स्टडी से खुलासा हुआ है कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड अधिक एंटीबॉडीज बनाती है. खबर के मुताबिक- कोरोना वैक्सीन इंडयूस्डएंडीबॉडी टाइट्रे के शुरुआती शोध में ये बात सामने आई. शोध में उन हेल्थवर्कर्स को शामिल किया गया, जिन्होंने कोवैक्सीन या कोविशील्ड की डोज ली थी।
कोविशील्ड लगवाने लोगों में सीरोपॉजिटिविटी रेट से लेकर एंटी स्पाइक एंटीबॉडी कोवैक्सीन की पहली डोज लेने वालों की तुलना में अधिक थे. इस स्टडी में कहा गया कि कोरोना की दोनों वैक्सीन का प्रभाव अच्छा है, लेकिन सीरोपॉजिटिविटी रेट और एंटी स्पाइक एंटीबॉडी कोविशील्ड में ज्यादा है। इस शोध में 552 हेल्थवर्कस को शामिल किया गया, जिसमें 325 पुरुष और 227 महिलाएं थीं. 456 को कोविशील्ड और 96 को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई। इसी के बाद ये नतीजे सामने आए।