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केंद्र ने सोमवार को जीएसटी मुआवजे की दूसरी किस्त जारी की थी। इसमें से 6,000 करोड़ रुपये 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए, लेकिन पंजाब सहित किसी भी कांग्रेस शासित राज्य को कोई मुआवजा जारी नहीं किया गया। इसकी पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कड़ी निंदा की है। इससे पहले, 24 अक्टूबर को, केंद्र सरकार ने 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे की पहली किस्त जारी की थी।
केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभावपूर्ण उपचार की आलोचना करते हुए श्री बादल ने कहा, "यह गैर-जिम्मेदारता की सीमा है। लेने की भी अनुमति नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को कवर करते हुए जीएसटी मुआवजे की दूसरी किस्त जारी की। , दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, पुदुचेरी।
केंद्र ने जीएसटी मुआवजे के लिए विपक्ष द्वारा शासित राज्यों की मांग को स्वीकार कर लिया था। उन्होंने मांग की कि केंद्र को कर्ज लेना चाहिए और राज्यों को जीएसटी मुआवजा देना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्र जीएसटी संग्रह में 1.1 लाख करोड़ रुपये की कटौती के लिए राज्यों को मुआवजा देने के लिए किश्तों में बाजार से ऋण जुटाएगा।
यह याद किया जा सकता है कि जीएसटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकारों को जीएसटी मुआवजे के लिए ऋण लेना चाहिए, लेकिन गैर-भाजपा शासित राज्य इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद केंद्र सरकार पूरा कर्ज खुद लेने को तैयार हो गई।