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मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले चार दिनों से लगातार बर्फबारी के बाद बर्फीला तूफान आया। माइग्रेशन गांव मिलम तक पहुंचा यह तूफान पांच घंटे से अधिक समय तक रहा। प्रशासन के अनुसार इससे कहीं नुकसान की सूचना नहीं है। तूफान के बाद अब और ठंड पड़ने का अनुमान है।
सुबह चार बजे से बर्फीला तूफान शुरू हुआ। पांच घंटे से ज्यादा पंचाचूली, राजरम्भा, हसलिंग, नागनी धुरा, छिपलाकेदार, मिलम, नंदा देवी सहित समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में तेज हवाएं चलती रहीं। मिलम में दुकान चलाने वाले इन्द्र सिंह ने बताया कि सुबह से शुरू हुए इस बर्फीले तूफान की गति सुबह 9 बजे के बाद ही हल्की हुई। भारत चीन सीमा की अग्रिम चौकियों में भी इसका प्रभाव रहा। पर्यावरण के जानकार राजेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि स्थानीय भाषा में इस तूफान को हूर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इस तूफान के साथ ताजा गिरी बर्फ के कण भी उड़ते हैं। इसी कारण इसके बाद ठंड तेजी से बढ़ती है।
माइग्रेशन गांवों तक असर
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उठे बर्फीले तूफान का असर माइग्रेशन गांवों में भी देखा गया। मिलम के साथ रालम, बिल्जू, बुर्फू, तोला, मर्तोली, बुगडियार, लास्पा, पांछू, गंधर, लवां में भी इसका असर रहा। मिलम में सेना व आईटीबीपी तथा लास्पा में बीआरओ के चेक पोस्टों में भी बर्फीला तूफान महसूस किया गया।