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लॉकडाउन उपायों पर संशोधित संयुक्त दिशा-निर्देशों को जारी रखते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने फंसे हुए श्रमिकों की ट्रेनों से आवाजाही के बारे में संशोधित मानक परिचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है। पूरे भारत में लाखों श्रमिक पैदल अपने गांव की ओर चल पड़े हैंl सरकार की कोशिश उन्हें नजदीकी रेलवे स्टेशनों पर पहुंचाने की रहेगीl
एसओपी फंसे हुए श्रमिकों की ट्रेनों से आवाजाही की निम्नलिखित तरीके से अनुमति देता है:
रेल मंत्रालय (एमओआर) एमएचए के साथ परामर्श के बाद श्रमिक स्पेशलन ट्रेनों के आवागमन की अनुमति देगा।
सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को नोडल अधिकारी नामित करने चाहिए और फंसे हुए व्यक्तियों की अगवानी करने और उन्हें भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए।
राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों की आवश्यकताओं के आधार पर, ट्रेन की समय सारणी, जिसमें ट्रेन के ठहरने और उनका गंतव्य शामिल हैं, उसे एमओआर द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। ऐसे फंसे हुए श्रमिकों को भेजने और उन्हें लेने की उपयुक्त व्यवस्था करने के लिए राज्य/संघ शासित प्रदेशों को एमओआर द्वारा सूचित किया जाएगा।
ट्रेन की समय सारणी का प्रचार, यात्रियों के प्रवेश और आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल, कोचों में प्रदान की जाने वाली सेवाएं और टिकटों की बुकिंग के लिए राज्यों /संघ शासित प्रदेशों के साथ प्रबंध एमओआरद्वारा किया जाएगा।
भेजने वाले राज्य / संघ राज्य क्षेत्र और एमओआर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से स्क्रीन किया गया है और केवल लक्षणरहित यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
ट्रेन में चढ़ने और यात्रा के दौरान सभी यात्रियों द्वारा एक दूसरे से दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाकर रखी जाएगी।
अपने गंतव्य पर पहुंचने पर, यात्रा करने वाले यात्रियों को ऐसे स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो उनके गंतव्य राज्य /संघ शासित प्रदेश द्वारा निर्धारित किए गए हैं।
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