आज शाम प्लस.काम
कोविड-19केदौरान कर्मचारियों औरनियोक्ताओं के हाथों मेंअधिक नकदी सुनिश्चित करनेके लिए ई.पी.एफ.ओ. की ओर से जारी अधिसूचना के साथ ई.पी.एफ.अंशदान की दर में कमी कर10 प्रतिशत की गई है। मैं आज के संपादकीय लेख में इसकी जानकारी दे रहा हूं।
सरकारीक्षेत्र, उनके पी.एस.ई.और ऐसे प्रतिष्ठान जिनकाअंशदान पी.एम.जी.के.वाई.के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जारहा है, उनके अंशदान की पुरानी 12 प्रतिशत दर बरकरार रहेगी।
घटी हुई दरें मई,जून और जुलाई 2020 के वेतन माह पर लागू होंगी। पी॰एफ॰ऑफिस, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार,क्षेत्रीय कार्यालय जालन्धर के रीजन ल कमिश्नर श्री सुनिल कुमार यादव ने बताया कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के कारण किए
गए लॉक डाउन और महामारी के कारण अन्य व्यवधानों से परेशान कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबन्ध, अधिनियम, 1952 (ई.पी.एफ.एंडएमपीएक्ट, 1952) के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए समय-समय पर विभिन्न
उपायों की घोषणा की गई है।
केंद्र सरकार द्वारा 13.05.2020 को कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबन्ध, अधिनियम, 1952 के तहत कवर होने वाले प्रतिष्ठानोंके सभी वर्गों के लिए मई, 2020, जून, 2020 और जुलाई, 2020 केलिए योगदान वैधानिक दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत
करने की घोषणा की गई।इसेआत्म-निर्भर भारत पैकेज के अंग के रूप मेंअधिसूचित किया गया है ।देखें एसओ1513 (ई) दिनांक 18.05.2020,का लेटर। जिसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गयाहै। यह अधिसूचना ई.पी.एफ.ओ.की वेबसाइट के होम पेज पर टैब- कोविड-19 के तहत उपलब्ध है।
कम की गई
दर पीएम जीके वाई लाभार्थियों के लिए भी लागू नहीं है, क्योंकि पूरा कर्मचारी ईपीएफ योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ताओं काई.पी.एफ.और ई.पी.एस.योगदान (वेतनका 12 प्रतिशत), मासिक वेतन का कुल 24 प्रतिशत का योगदान का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।
ई.पी.एफ.अंशदान की दर, मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 12 प्रतिशत से कम करके 10 प्रतिशत करने का उद्देश्य 4.3करोड़ कर्मचारियों/ 6.5 लाख प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं और सदस्यों दोनों को राहत देना है। योगदान की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किए जाने के परिणामस्वरूर्मचारी के वेतन से ई.पी.एफ.योगदान के कारण होने वाली कटौती में कमी होने से वह घरअधिक रकम ले जा सकेगा और नियोक्ता की भी अपने कर्मचारियों के वेतन पर देयता में 2 प्रतिशत तक की कमी हो जाएगी। यदि मासि कई.पी.एफ.वेतन 10000/ - है, तो कर्मचारी के वेतन से 1200/ - रुपये के बजाय केवल 1000/ - रुपये काटे जाएंगे।