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पंजाब सरकार ने राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों की फीस को एक करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यानी निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय अब सरकारी कॉलेजों की तरह ही फीस लेंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2020 में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग द्वारा जारी अधिसूचना को संशोधित किया है। उन्होंने कहा कि कई संस्थान चिकित्सा शिक्षा के लिए 2015 में शुरू की गई फीस से बहुत अधिक शुल्क ले रहे थे। स्थिति यह थी कि बठिंडा के अवध विश्वविद्यालय के एमडी छात्रों से 16 लाख रुपये और सरकार द्वारा प्रति वर्ष 6.5 लाख रुपये का शुल्क लिया जा रहा था।
मंत्री ने कहा कि अब से दयानंद मेडिकल कॉलेज, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, श्री गुरु राम दास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, देश भगत यूनिवर्सिटी और एडेश यूनिवर्सिटी एमडी / एमएस (क्लीनिकल) पाठ्यक्रमों के लिए केवल 6.50 लाख रुपये का शुल्क ले पाएंगे। हालांकि, एनआरआई कोटे की सीट फीस 1.25 लाख होगी। मंत्री ने विपक्षी दलों पर महंगी चिकित्सा शिक्षा का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया।