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अयोध्या एक बार फिर चर्चा में है। राम जन्म भूमि के आस पास खुदाई हुई है. जिसमें फिर से मंदिर के सबूत मिले हैं। कई कलश, पत्थर के स्तंभ और देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली हैं। इसके अलावा कुछ और सामान भी मिट्टी के नीचे से मिले हैं। जो हिंदू संस्कृति से जुड़े हैं। 17 सालों बाद राम जन्म भूमि परिसर में खुदाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में रामलला को टेंट से बाहर निकाल लिया गया है। रामनवमी के दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूजा की थी। इसके बाद एक कॉटेज जैसे मंदिर में रामलला को शिफ्ट कर दिया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करने के बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भावी मंदिर निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया।
उन्होंने बताया कि इस कार्य में तीन जेसीबी मशीन, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर व 10 मजदूर लगे हुए हैं। हालांकि कोरोना के कारण कार्य मंद गति में चल रहा है।
उन्होंने बताया की हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में पूर्व में हुई खुदाई प्राप्त पुरावशेषों के अतिरिक्त 11 मई से प्रारंभ समतलीकरण के दौरान काफी संख्या में पुरावशेष देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, 6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ, 5 फुट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति गुरुवार तक प्राप्त हुई है।