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उत्तर प्रदेश में महिलाओं, युवतियों के साथ अपराध का सिलसिला बरकरार है। ताजा मामला अलीगढ़ का है। यहां के एक गांव में 17 साल की दलित लड़की का शव अर्ध-नग्न हालत में मिला। उसके शरीर पर यौन हमले के निशान और खेतों से घसीटे जाने के निशान मिले हैं।
मामले को सुलझाने के लिए पांच टीमों का गठन करने वाली अलीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को पूछताछ के लिए 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
लड़की का शव रविवार रात अलीगढ़ के अकराबाद इलाके में एक खेत से मिला था।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने पत्रकारों को बताया, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला घोंटना और स्मदरिंग बताया गया है। पीड़िता के शरीर पर बाहरी चोट के निशान पाए गए हैं। उसकी त्वचा छिल गई थी। उसके शरीर पर नाखून के निशान पाए गए, लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की एक टीम द्वारा प्रारंभिक जांच में कोई आंतरिक चोट नहीं पाई गई। फोरेंसिक रिपोर्ट से तस्वीर साफ हो जाएगी।"
लड़की के योनि और मलाशय की सूजन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 302 (हत्या) और पोक्सो अधिनियम के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की है।
लड़की अपनी दादी के साथ रह रही थी और उनके साथ खेतों में जाती थी, लेकिन घटना वाले दिन वह अकेली बाहर गई थी।
शिकायत के अनुसार, लड़की सुबह 11 बजे घर से बकरियों के लिए चारा इकट्ठा करने के लिए निकली थी।
शिकायत के अनुसार, "जब वह सूर्यास्त के बाद वापस नहीं लौटी, तो उसके परिवार ने उसकी तलाश शुरू कर दी। बाद में, एक स्थानीय व्यक्ति ने उसका शव गेहूं के खेत में देखा। उसके कपड़े चारों तरफ बिखरे हुए थे और ऐसा प्रतीत हुआ कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था।"
यह घटना हाथरस की घटना की याद दिलाती है जिसमें एक दलित लड़की को पिछले साल सितंबर में एक खेत में गंभीर आंतरिक चोटों के साथ बेहोश पाया गया था। एक पखवाड़े बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।