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एक चौंकाने वाली घटना में, अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमआरटी) में तैनात 28 वर्षीय महिला रेंज वन अधिकारी ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने अपने कथित सुसाइड नोट में भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां इसकी जानकारी दी।
28 वर्षीय आरएफओ दीपाली चव्हाण-मोहिते ने गुरुवार की देर रात अपने सर्विस रिवाल्वर से टाइगर रिजर्व के पास हरिसल गांव में अपने सरकारी क्वार्टर में खुद को गोली मार ली और मौके पर ही दम तोड़ दिया। बंदूक के साथ उनका खून से लथपथ शव बाद में रिश्तेदारों और सहयोगियों द्वारा बरामद किया गया।
वन माफियाओं के खिलाफ अपनी निडरता के लिए 'लेडी सिंघम' के नाम से प्रसिद्ध एक सख्त अधिकारी, दीपाली के पति राजेश मोहिते चिखलधारा में एक ट्रेजरी ऑफिसर के रूप में पोस्टेड हैं, जबकि उनकी मां सतारा गई हुई थीं, जब उन्होंने इस घातक कदम को उठाया।
इससे पहले शुक्रवार को, दीपाली के परिवार ने सुसाइड नोट में नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किए जाने तक अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को लेने से इनकार कर दिया। घटना के बाद वन विभाग में सदमें का माहौल है।
तेजी से काम करते हुए, अमरावती पुलिस, डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (डीसीएफ) विनोद शिवकुमार के पास गई। जिसके बारे में दीपाली ने अपने चार पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि कोई ओर दूसरा इसका शिकार न बने।
शिवकुमार को नागपुर रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया गया, जब वह बेंगलुरु के लिए एक ट्रेन में सवार होने के लिए इंतजार कर रहे थे। उन्हें आगे की औपचारिकताओं के लिए अमरावती लाया जा रहा था।
पिछले दिनों कई मौकों पर, दीपाली ने शिवकुमार के बारे में अपने वरिष्ठ, एमटीआर फील्ड निदेशक, एम.एस. रेड्डी (आईएफएस) को शिकायत की थी, जिन्होंने कथित तौर पर उनकी दलीलों को नजरअंदाज किया।
दीपाली ने शिवकुमार की शराब पीने की आदतों पर पर प्रकाश डाला था। साथ ही कहा था कि वह सार्वजनिक और निजी तौर पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करता था और फीजिकल होने का संकेत देता था।
हालांकि, दीपाली ने उसे बार-बार फटकार लगाई, जिसकी कीमत उन्हें कठिन वर्क शेड्यूल, उत्पीड़न और एक माह की सैलरी को होल्ड करके चुकानी पड़ी।