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दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कोविड महामारी के दौरान वाहन में भी मास्क पहनना अनिवार्य है, भले ही गाड़ी में केवल उसका ड्राइवर अकेला ही क्यों न हो। जस्टिस प्रतिभा एम.सिंह की एकल पीठ ने कहा कि यदि वाहन सार्वजनिक स्थानों से गुजरते हैं, तो इस बात की संभावना है कि वे अन्य लोगों के संपर्क में आ सकते हैं। अदालत ने कहा, "गाड़ी में सवार एक या ज्यादा व्यक्तियों को महामारी के दौरान मास्क पहनना या फेस कवर करना अनिवार्य है।"
इसके अलावा कोर्ट ने निजी वाहनों में अकेले यात्रा करते समय मास्क ने पहनने वालों के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा जुर्माना लगाने को चुनौती देने याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि फेस मास्क पहनना जरूरी है भले ही किसी व्यक्ति को वैक्सीन लगा हो या न लगा हो। अदालत ने इस मामले में 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाई कोर्ट ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए मास्क को 'सुरक्षा कवच' (एक कवच) के समान करार दिया। साथ ही कहा कि "यह न केवल मास्क पहनने वाले व्यक्ति की सुरक्षा करता है बल्कि यह दूसरों की भी सुरक्षा करता है। मास्क पहनना एक ऐसा उपाय है जिसने लाखों लोगों की जान बचाई है।"
याचिकाकर्ताओं में से एक वकील सौरभ शर्मा ने भी मास्क न पहनने के कारण लगाए गए 500 रुपये के जुर्माने के बदले में 10 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता वकील हैं और उन्हें महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।